भारत एक ऐसा देश है, जो चमत्कारों के लिए जाना जाता है | यहाँ हमे कई कहानियां ऐसी सुनने को मिलती है | जो दुनिया की सोच से परे होती है | लेकिन जिस प्रकार ईश्वर सत्य होता है | वैसे ही यह चमत्कार भी सत्य होते है | आज हम आपको ऐसे ही चमत्कार के बारे में बताएँगे, जिसके बारे में जानकर आप दंग रह जायेंगे |
आज हम आपको एक ऐसे मंदिर के बारे में बताने जा रहे है, जिसमे माँ लक्ष्मी के चरणों को छूने के लिए स्वयं सूर्य भगवान आते है | जी हाँ, हो सकता है की आपको इस पर यकीन ना हो | लेकिन सत्यता को नकारा नहीं जा सकता है | इस मंदिर में माँ लक्ष्मी की जो प्रतिमा है, वहां प्रतिदिन सूर्य का प्रकाश गिरता है | यह प्रकाश एक खिड़की से माता की प्रतिमा पर गिरता है |
यह मंदिर भारत के राज्य महाराष्ट्र के कोल्हापूर में स्थित है | इस मंदिर को विश्व में महालक्ष्मी के मंदिर के नाम से जाना जाता है | जब कोई भी व्यक्ति इस चमत्कार को देखता है तो वह नजर नहीं हटा पाता है | इस मंदिर को देखने के लिए स्वदेशी श्रद्धालु ही नहीं | बल्कि, विदेशी व्यक्ति भी आते है और इस चमत्कार को देखकर नतमस्तक हो जाते है |
इस मंदिर के बारे में कहा जाता है की इसका निर्माण चालुक्य शासक कर्ण ने करवाया था | कार्बन-14 पद्धति के अनुसार यहाँ पर स्थित माँ भवानी की मूर्ति लगभग 1500 साल से भी अधिक पुरानी है | यहाँ प्रमुख मूर्ति महालक्ष्मी के अतिरिक्त महिषासुर मर्दिनी और नवग्रह, भगवान श्री विष्णु, नवग्रह और भगवान शिव की प्रतिमाये है | ऐसा माना जाता है की मंदिर का निर्माण हिन्दू सम्राट पृथ्वीराज चौहान के शासन काल से भी पहले किया गया था |
यदि महालक्ष्मी की प्रमुख प्रतिमा की बात की जाए तो यह लगभग 30 फ़ीट ऊँची है | इस प्रतिमा के चार हाथ है | माता के सर पर जो मुकुट है उसका वजन लगभग 40 किलोग्राम है | इसमें बेशकीमती हिरे और जवाहरात जड़े हुए है | जब प्रातः काल भगवान सूर्य माता के चरणों को प्रकाशमान करते है तो यह दृश्य काफी मनमोहक होता है | इस समय ऐसा लगता ही की मानो आज स्वयं माता के दर्शन हो गए हो | भारत में माँ भवानी का यह मंदिर शक्ति और आस्था का प्रतिक है |